Friday, September 14, 2007

विकृत बुद्धि का कुत्सित खेल

अश्लीलता के सौदागरों ने नही बख़्शा गण नायक को भी
सूचना क्रान्ति के इस दौर में जहाँ एक ओर इन्टरनेट ने हमे कई सुविधायें दीं हैं वहीं कुछ ऐसी जटिल समस्याएं भी दी हैं जो हमें इस सूचना क्रान्ति के नफ़े-नुकसान पर पुनर्विचार के लिए मजबूर कर देती हैं। आज इन्टरनेट पर कई ऐसी वेबसाइट्स हैं जो अश्लील साहित्य और छायाचित्र(फोटोग्राफ्स) उपलब्ध कराती हैं।ऐसी ही एक वेबसाइट है इंडिया पेशन डॉट कॉम। यूं तो इस वेबसाइट मैं वही सब सामग्रियाँ है जो अन्य पोर्नोग्राफिक साइट्स पर होती हैं .लेकिन यदि इस साईट की दायीं ओर दिये गये आउटस्टेंडिंग बटन पर जाया जाये तो ऐसा नज़ारा देखने को मिलता है जिस पर आँखों को सहजरूप से विश्वास नहीं होता। एक ऐसी चीज़ जिसे कोई भी भारतीय सहन नहीं कर सकता। इस वेब पेज पर नग्न अवस्था एवं अश्लील मुद्राओं में दिए फोटोग्राफ्स के साथ-साथ भगवान् गणपति के फोटोग्राफ्स भी दिए गए हैं। बात यहीं ख़त्म नही होती । इसी साईट पर जगह जगह तिरंगे को भी दिखाया गया है। भारतीयों की भावनाओं को आहत करने वाले इस मामले कि सबसे अहम बात यह है कि धङल्ले से चल रही इस वेबसाइट का संचालन भी भारत से ही होता है प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वेबसाइट का रजिस्ट्रेशन अमेरिका से हुआ है। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले गुजरात दंगो के उपरांत वहाँ से बडे पैमाने पर हूई जिस्मफरोशी एवं लड़कियों को बेचने कि घटनाओं पर आधारित महेश भट्ट कि फिल्म कलयुग आयी थी। इस फिल्म मैं भी कई बार इस वेबसाइट का उल्लेख किया गया था।इसमें गौर करने वाली बात यह है कि इस फिल्म मैं इस वेबसाइट का उल्लेख होना और इस वेबसाइट का सच में अस्तित्व में होना महज इत्तेफाक था या इस वेबसाइट को प्रमोट या विज्ञापित करने कि सोची समझी चाल। और इस बात का सबसे विचरणीय पहलू यह है कि ऐसे जालपृष्ठों पर कोई कानूनी कार्यवाही भी नही होती।

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© Vikas Parihar | vikas